tag:blogger.com,1999:blog-3752668255942015057.post4832802153124088035..comments2023-10-15T06:57:36.041-07:00Comments on meri haseen ghazalein: इक बोसा दस्तख़त साkumar zahidhttp://www.blogger.com/profile/16434201158711856377noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3752668255942015057.post-55245258196827869522009-12-10T01:33:20.386-08:002009-12-10T01:33:20.386-08:00सरगोशियां खंढर में उड़ रहीं थीं गर्द सी
घर हादसे मे...सरगोशियां खंढर में उड़ रहीं थीं गर्द सी<br />घर हादसे में ढेर था पर मिल गया मुझे<br />bahut hi jaandaar panktiyaan ,dil ko chhu gayiज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3752668255942015057.post-91452676109813511712009-12-09T00:18:42.566-08:002009-12-09T00:18:42.566-08:00सरगोशियां खंढर में उड़ रहीं थीं गर्द सी
घर हादसे म...सरगोशियां खंढर में उड़ रहीं थीं गर्द सी<br />घर हादसे में ढेर था पर मिल गया मुझे.......waahरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3752668255942015057.post-42792094442594678172009-12-08T08:46:25.799-08:002009-12-08T08:46:25.799-08:00इक सोते के पानी में झुका प्यास बुझाने
कंधें से हटा...इक सोते के पानी में झुका प्यास बुझाने<br />कंधें से हटाया हुआ सर मिल गया मुझे<br /><br />ज़ाहिद जबीं थी कोई रसीदी टिकट न थी<br />इक बोसा दस्तख़त सा किधर मिल गया मुझे <br /><br />सोते पर झुकना और जो सर कंधा से दूर जा पड़ा था उसका मिलना....और प्यार कोइ्र रसीदी टिकट का अनुबंध नहीं है यह सोच ! निस्संदेह लाजवाब ग़ज़ल.... बधाइयां।Dr.R.Ramkumarhttps://www.blogger.com/profile/09073007677952921558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3752668255942015057.post-23582207392539595032009-12-04T07:43:47.055-08:002009-12-04T07:43:47.055-08:00बेरंग किया गया-सा सफ़र मिल गया मुझे
ख़त पर टिकट नही...बेरंग किया गया-सा सफ़र मिल गया मुझे<br />ख़त पर टिकट नहीं था मगर मिल गया मुझे<br /><br />वाह ..बधाई इस बेरंग ख़त की ....!!<br /><br />इक सोते के पानी में झुका प्यास बुझाने<br />कंधें से हटाया हुआ सर मिल गया मुझे<br /><br />अच्छा....इन्सान का था या .....????<br /><br />कुमार जाहिद जी कोशिश तो रहती है सभी के घर दस्तक दूँ नाराज़गी नहीं है कोई .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3752668255942015057.post-91500651774040660542009-12-03T22:52:11.187-08:002009-12-03T22:52:11.187-08:00बेरंग किया गया-सा सफ़र मिल गया मुझे
ख़त पर टिकट नही...बेरंग किया गया-सा सफ़र मिल गया मुझे<br />ख़त पर टिकट नहीं था मगर मिल गया मुझे<br /><br />सरगोशियां खंढर में उड़ रहीं थीं गर्द सी<br />घर हादसे में ढेर था पर मिल गया मुझे<br />अजी जनाब क्या कुछ लिख दिया है कुछ कहते नहीं बन रहा है बधाई स्वीकारेंरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3752668255942015057.post-51716910236103654032009-12-03T08:39:20.479-08:002009-12-03T08:39:20.479-08:00मां ने कहा था देगा घनी छांव ,मीठे फल
सड़के बनीं तो ...मां ने कहा था देगा घनी छांव ,मीठे फल<br />सड़के बनीं तो उखड़ा शज़र मिल गया मुझे<br /><br />bahut khoob.प्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3752668255942015057.post-56732082218286552492009-12-03T05:29:40.740-08:002009-12-03T05:29:40.740-08:00सरगोशियां खंढर में उड़ रहीं थीं गर्द सी
घर हादसे मे...सरगोशियां खंढर में उड़ रहीं थीं गर्द सी<br />घर हादसे में ढेर था पर मिल गया मुझे<br />मां ने कहा था देगा घनी छांव ,मीठे फल<br />सड़के बनीं तो उखड़ा शज़र मिल गया मुझे<br />वाह क्या लाजवाब कही बहुत बहुत बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3752668255942015057.post-32928478975460657392009-12-02T20:02:22.666-08:002009-12-02T20:02:22.666-08:00मां ने कहा था देगा घनी छांव ,मीठे फल
सड़के बनीं तो ...मां ने कहा था देगा घनी छांव ,मीठे फल<br />सड़के बनीं तो उखड़ा शज़र मिल गया मुझे<br /><br />bahut khoob.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.com