इनसे न कुछ छुपा है ये हैं ज़हीन ग़ज़लें
पढ़ना मुसीबतों में मेरी हसीन ग़ज़लें ।।
वो सौ की एक कहती लाखों में कह के देखो
अरबों बरस जियेंगी सब बेहतरीन ग़ज़लें ।।
जब जब भी कहना चाहा -रखिये ख़याल अपना
चुपचाप पेश कर दीं ताज़ातरीन ग़ज़लें ।।
उनकी गवाह हैं ये ,जो नेक हैं ,दुखी हैं ,
सब साथ छोड़ दें पर हैं हाज़रीन ग़ज़लें ।।
हर वक्त घूमती हैं ‘ज़ाहिद‘ के आगे पीछे
सब दिलफरेब ग़ज़लें सब माहज़बीन ग़ज़लें ।।
100496
Wednesday, September 2, 2009
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bahut khub...sir..bahut khub..
ReplyDeleteDeepak"bedil"
http://ajaaj-a-bedil.blogspot.com
wakaee gazal ek khubsoorat andaz hai ehsaas bayan karne ka...
ReplyDeleteawesome!
shukriyan
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